खसरा-रूबेला (एमआर) MR टीकाकरण अभियान क्या है : MR Tikakaran Kya Hai

खसरा-रूबेला (एमआर) MR टीकाकरण अभियान क्या है : MR Tikakaran Kya Hai

खसरा-रूबेला (एमआर) MR टीकाकरण अभियान क्या है : MR Tikakaran Kya Hai – आज हम आपको बताएंगे कि खसरा-रूबेला (एमआर) क्या है? अगर आप भी इस बारे में सम्पूर्ण तरीके से जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो आप हमारे साथ बने रहे इस आर्टिकल के अंत तक !

खसरा-रूबेला (एमआर) MR टीकाकरण अभियान क्या है : MR Tikakaran Kya Hai
खसरा-रूबेला (एमआर) MR टीकाकरण अभियान क्या है : MR Tikakaran Kya Hai

एमआर टीकाकरण अभियान क्या है | MR Tikakaran Abhiyan Kya Hain?

खसरा-रूबेला (एमआर) एक टीका है जो खसरा, रूबेला और रूबेला से सुरक्षा प्रदान करता है। यह टीका आमतौर पर 12 से 15 महीने की उम्र में और फिर 4 से 6 साल की उम्र में दिया जाता है। खसरा एक गंभीर बीमारी है जो बुखार, खांसी, छींक और दाने का कारण बन सकती है। रूबेला एक हल्की बीमारी है जो गर्भवती महिलाओं के लिए गंभीर हो सकती है। यह हृदय संबंधी समस्याएं, बहरापन और अंधापन जैसे जन्म दोष पैदा कर सकता है। रूबेला एक हल्की बीमारी है जो बुखार, गले में खराश और सूजन का कारण बन सकती है।

एमआर टीका एक सुरक्षित और प्रभावी टीका है। यह खसरा, कण्ठमाला और रूबेला के खिलाफ 93% से अधिक प्रभावी है। एमआर टीका आमतौर पर हल्के दुष्प्रभाव पैदा करता है, जैसे लालिमा, सूजन और दर्द। ये दुष्प्रभाव आमतौर पर कुछ ही दिनों में दूर हो जाते हैं।

यदि आपको या आपके परिवार के सदस्यों को एमआर टीका नहीं मिला है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें। वे यह पता लगाने में आपकी सहायता कर सकते हैं कि आपको एमआर टीका लगवाने की आवश्यकता है या नहीं।

एमआर टीकाकरण अभियान का उद्देश्य | MR Tikakaran Abhiyan Ka Uddesy?

एमआर टीकाकरण अभियान का उद्देश्य खसरा, कण्ठमाला और रूबेला के प्रसार को रोकना है। यह अभियान उन लोगों को टीका लगाकर किया जाता है जिनका अभी तक टीकाकरण नहीं हुआ है। टीकाकरण अभियान के माध्यम से हम इन बीमारियों को खत्म करने और लोगों को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं।

खसरा एक गंभीर बीमारी है जो बुखार, खांसी, छींक और दाने का कारण बन सकती है। यह बीमारी इतनी गंभीर हो सकती है कि इससे मौत भी हो सकती है। रूबेला एक हल्की बीमारी है जो गर्भवती महिलाओं के लिए गंभीर हो सकती है। यह हृदय संबंधी समस्याएं, बहरापन और अंधापन जैसे जन्म दोष पैदा कर सकता है। रूबेला एक हल्की बीमारी है जो बुखार, गले में खराश और सूजन का कारण बन सकती है।

एमआर टीका एक सुरक्षित और प्रभावी टीका है। यह खसरा, कण्ठमाला और रूबेला के खिलाफ 93% से अधिक प्रभावी है। एमआर टीका आमतौर पर हल्के दुष्प्रभाव पैदा करता है, जैसे लालिमा, सूजन और दर्द। ये दुष्प्रभाव आमतौर पर कुछ ही दिनों में दूर हो जाते हैं।

यदि आपको या आपके परिवार के सदस्यों को खसरा-रूबेला (एमआर) टीका नहीं मिला है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें। वे यह पता लगाने में आपकी सहायता कर सकते हैं कि आपको खसरा-रूबेला (एमआर) टीका लगवाने की आवश्यकता है या नहीं।

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खसरा का टीका कितनी बार लगता है?

खसरे का टीका दो बार दिया जाता है। पहला टीका आमतौर पर 12 से 15 महीने की उम्र में दिया जाता है और दूसरा टीका 4 से 6 साल की उम्र में दिया जाता है। खसरा एक गंभीर बीमारी है जो बुखार, खांसी, छींक और दाने का कारण बन सकती है।

यह बीमारी इतनी गंभीर हो सकती है कि इससे मौत भी हो सकती है। खसरे का टीका एक सुरक्षित और प्रभावी टीका है। यह खसरे के खिलाफ 93% से अधिक प्रभावी है। खसरे का टीका आमतौर पर हल्के दुष्प्रभाव पैदा करता है, जैसे लालिमा, सूजन और दर्द। ये दुष्प्रभाव आमतौर पर कुछ ही दिनों में दूर हो जाते हैं।

यदि आपको या आपके परिवार के सदस्यों को खसरे का टीका नहीं मिला है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें। वे यह पता लगाने में आपकी सहायता कर सकते हैं कि आपको खसरे का टीका लगवाने की आवश्यकता है या नहीं।

खसरा में कौन सा टीका दिया जाता है?

खसरे का टीका एमएमआर टीका है। यह टीका खसरा, काली खांसी और रूबेला से सुरक्षा प्रदान करता है। एमएमआर टीका 12-15 महीने की उम्र में और फिर 4-6 साल की उम्र में दिया जाता है। कुछ मामलों में, एमएमआर टीका 11-12 साल की उम्र में या गर्भवती महिलाओं को दिया जाता है।

एमएमआर टीका एक सुरक्षित और प्रभावी टीका है। टीके के कुछ सामान्य दुष्प्रभावों में लालिमा, सूजन और दर्द शामिल हैं। ये दुष्प्रभाव आमतौर पर हल्के होते हैं और कुछ ही दिनों में चले जाते हैं।

एमएमआर टीका खसरा, काली खांसी और रूबेला को रोकने का एक प्रभावी तरीका है। ये बीमारियाँ मृत्यु सहित गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। एमएमआर टीका सभी बच्चों और किशोरों को दिया जाना चाहिए।

खसरे के तीन लक्षण क्या हैं?

खसरा एक गंभीर और संक्रामक बीमारी है। इसके लक्षण आमतौर पर 10-12 दिनों के बाद दिखाई देते हैं।

खसरा के तीन सबसे आम लक्षण हैं:

बुखार: खसरे के दौरान बुखार 103-104 डिग्री फ़ारेनहाइट तक हो सकता है।

खांसी: खसरे के दौरान खांसी बहुत तेज़ और तीव्र होती है।

लाल चकत्ते: खसरे के दौरान शरीर पर लाल चकत्ते निकलते हैं। ये चकत्ते आमतौर पर चेहरे से शुरू होते हैं और फिर पूरे शरीर में फैल जाते हैं।

खसरा के अन्य लक्षणों में शामिल हैं:

आंखों में जलन और लालिमा
नाक बहना
गले में खराश
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द
थकान

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